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मौलाना मुफ्ती नसिमोद्दीन मिफ्ताही साहब की औरंगाबाद के मुसलमानो से शब-ए-बारात अपने घरो मे मनाने की अपील …

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अब्दुल कय्युम

औरंगाबाद

जामीया इस्लामीया काशिफउललूम जामा मस्जिद औरंगाबाद के मुख्य मौलाना मुफ्ती नसिमोद्दीन मिफ्ताई सहाबने कोरोना व्हायरस को दुनिया की खतरनाक बिमारी बताते हुये इस का मुकाबला करने के लिये स्थानीय प्रशासन की तरफ से लागु किये गये लॉक डाऊन का पालन करने की अपील औरंगाबाद की मुस्लिम जनता से की है|
शब -ए-बारात की पवित्रता और महत्व को समझाते हुये उन्होने औरंगाबाद की जनता को संदेश दिया है कि इस साल शब ए बारात जो कि 9 अप्रेल को आ रही है , अपने अपने घरो मे मनाई जाये| कोरोना व्हायरस की गंभीरता को देखते हुये यह फैसला लिया गया है कि स्थानीय प्रशासन का सहयोग करना उतनाही जरुरी है जितना कि इस रात की प्रार्थना करना |
इस्लामी महिना शाबान एक पवित्र और महत्वपुर्ण महीना है। इसकी 15 वी रात, शब ए बारात कहलाती है। सूरज डुबने से सुबह होने तक हर लम्हा बड़ा ही बरकतवाला और कीमती होता है |
इस रात में अल्लाह तआला की विशेष रहमत प्रकट होती है। इसी रात मे मांगने वालो की हर दुवा कबूल की जाती है | नबी ऐ करीम सारी रात जागकर अल्लाह की इबादत में मशगूल हुआ करते थे।
इसलिए इस बरकतवाली रात में इस्लाम के मानने वाले रहकर अल्लाह तआला के हुजूर में अपने गुनाहों से तोबा करते है और अच्छे आमाल का अहद करते है । अपने लिए और अपने मरहुमीन के लिए दुआए मगफिरत करते है।
अगरचे इस रात की सब ईबादते सामूहिक तौर पर की जाती है इस साल कोरोना बिमारी के चलते ये सभी प्रार्थनाये निजी तौर पर अपने अपने घरो मे करने की अपील करते हुये मौलाना ने कहा की इस वक़्त हमारा मुल्क जिस बीमारी की चपेट में है उससे छूटकारा पाने का यही एक आसान तरिका है। लिहाजा मस्जिदों, कब्रस्तानो में जाने की कोशिश ना करें। इस मोहलक बीमारी से प्रशासन की तरफ से जो हिदायत दी जा रही है उस पर सख्ती से अमल करें, प्रशासन की मदद करें।