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जो लोग आज भी कोरोना सिमटम के बावजूद सिव्हील में ईलाज करने से डर रहे हैं वो यह पोस्ट जरूर पढ़ें –  करीम सालार

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रावेर (शरीफ शेख)

आज कुछ ख़ुशी मिल रही है कि कोरोना के कुछ पेशंट जो सिवहील हास्पीटल में ईलाज के लिए तैयार नहीं थे अलहमदलिल्लाह उन्हें समझा कर और काॅनासीलिंग करके दाखिल किये थे वो चार पांच दिन में आज अपनें घरों पर आ गए हैं।जिस में यावल और जलगाव शामिल है।आज शिवाजी नगर के जिस मरीज की बात की जा रही है वो उनमें से एक है।रमजान में सुबह फजर के बाद उन के लडके का फोन आया के मेरे वालिद की तबीयत बहोत घबरा रही है और गला इतना सूख गया के आवाज भी नहीं निकल रही है और कोई डाॅक्टर भी लेने को तैय्यार नहीं है।मैं ने सिवहील हास्पीटल मे दाखिल होने को कहा मगर ना बच्चा ना उस के वालिद सिवहील में जाने को तैयार थे।आखिर मैने यह कहा कि घर में मरने से सिवहील में जो होगा तो होगा, और वह सिवहील में अॅडमिट होगये।तीन दिन में उन की तबीयत में काफी सुधार होगया।यहां तक की जब माॅ बेटे को कोरनटाईन के लिये लेजाने लगे बाप ने बेटे को हिम्मत दिलाई ” के बेटा तू जा मेरी फ़िक्र मत कर मैं अच्छा हूँ” दोनों माॅ बेटे कोरनटाईन में निगेटिव आए।चार दिन पहले उन की रिपोर्ट निगेटिव आई।बच्चे का फोन आया,मैं ने डाॅक्टर शुएब को जिम्मेदारी दी और वो उन के टच में रहे।रिपोर्ट निगेटिव के बाद भी आक्सीजन कि सेचूरेषन थोड़ा कम होने से उन्हे रोका गया और आज वो अपने घर पहुँच गये।घर जाने के लिए हास्पीटल की एम्बुलेन्स लेट होरही थी तो मैंने ईकरा की एम्बुलेन्स भेजी लेकिन ऊसी वक्त हास्पीटल की एम्बुलेन्स आ गयी और वो उस से अपने घर रवाना होगए।अल्लाह उन्हें सेहते कामेला अता फरमाए।आमीन।
जाहिर है किसी भी काम में बहोत से लोगों का हाथ लगता है,जिनके नाम सामने आए और जिन के नहीं आये अल्लाह ताला सब को अज्र अता फरमाए।आमीन।
काम करने वालों के पास ऐसे कई तजुर्बे होंगे,कुछ सामने आते हैं कुछ नहीं आते।बस अल्लाह का शुक्र है कि अल्लाह इस छोटी सी खिदमत को कुबूल करले,आमीन।
(ईस वाकिया को बताने मकसद ये है के जो लोग बिमारी को छुपा कर घर में आखरी स्टेज पर सिवहील में आए उन में ज्यादा तर की मौतें हुई है।जो लोग आज भी बिमारी छुपा कर बैठे हैं उन्हें फौरन सिवहील में दाखिल होने चाहिए।ईस बारे में उस नवजवान से इस नबंर 8208901167 पर जरूर बात करें जिसनें अपने वालिद को आखरी स्टेज में सिवहील हास्पीटल में दाखिल किया और बहोत खिदमत की। अल्लाह हम सब की हिफाजत फरमाए