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आज मैं व्हाट्सएप पर जो भी लिख रहा हूं, हमारे आज के इंसानियत को शर्मसार करने वाले अनुभव है 

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आप सभी जानते हैं हमारे परिवार में कोरोना ने 10 दिनों के भीतर हमारे दूसरे भाई को भी छीन लिया है।

यवमाल  – आज दिनांक 17. 5 .2021 को सुबह लगभग 11:00 बजे शमशान भूमि से रक्षा विसर्जन हेतु हम सभी भाई शिरपुर के लिए रवाना हुये।

सिरपुर बॉर्डर पर देवली पुलिस के कांस्टेबल ने हमको रोक लिया ।
हमने उनसे लाख विनंती की उन्हें यह भी बताया कि मरने वाला पुलिस का ही जवान है पर उन्होंने एक नहीं सुनी । कहा हमारे साहब को आने दो और लगभग एक घंटा हमको रोके रखा

उससे पहले का दृश्य हम लोग काफी आराम से गाड़ी चला रहे थे क्योंकि हमारी दूसरी गाड़ी पीछे थी हमारे सामने एक जयसवाल परिवार की मारोती व्हेन अस्थि विसर्जन के लिए जा रही थी कांस्टेबल को पता नहीं लगा और वह आगे निकल गए
पुलिस ने अपराधियों की तरह पीछा करके उन्हें हमारे सामने ही वापस पकड़ कर लाया वे लोग रोते हुए बता रहे थे कि इन लोगों ने हमसे छीना झपटी की हमारा क्या गुनाह था । उसी वक्त उन्होंने अपना परिचय हमें दिया ।

साहब ने आने के बाद में हमसे ₹ 200 दंड स्वरूप लिया तथा उसमें विधिवत लिखाभी अस्थि विसर्जन के लिए जा रहे थे ।

यह कैसाा न्याय है। हम कोई घूमने-फिरने नहीं जा रहे हैं । हमारे ऊपर वैसे ही दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। हम तो अस्थि विसर्जन के लिए जा रहे । पर उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी उन्होंने कहा अस्थि विसजन करना है तो आप अपने जीले में कीजिए ।

हमने उन्हें समझाया आप यदि हिंदू हो तो आप को पता होगा कि अस्थि विसर्जन उसी नदी में होता है , जहां नदी उत्तरायण होती है । यवतमाल जिले से सबसे करीब उत्तरायण होने वाली नदी सिरपुर में ही है । पर उन्होंने हमारी कोई बात नहीं मानी

मेरी सरकार से , अधिकारियों से नम्र विनंती है । एक कैसे काउंटर बनाया जाए जिसमें से ऐसे दुखी पीड़ित परिवार को आसानी से अस्थि विसर्जन को जाने के लिए, तथा अपने रीति रिवाज पूर्ण करने के लीये आसानी से परमिशन मिल जाए बस इतना ही।