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पातुर तहसील के किसानों ने दिया मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम निवेदन…!

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25000 हजार एककर से नुकसान भरपाई की मांग

खरीप की फसलें हुवी चौपट,

अकोला / आलेगाव – पातुर तहसील के किसानों ने आज मुख्यमंत्री के नाम निवेदन दे कर 25000 रुपये एककर नुकसान भरपाई की मांग की है।

पातुर तहसील में हो रही मुस्लदार वर्षा के कारण खरीप की फसलें पूरी तरहा चौपट हो गई है अर्थात खरीप की फसल पुरी तरहा बर्बाद हो गई है ।जीस कारण किसानों के मु का निवाला छीन चुका है।13 सेप्टेंबर को हुवी मुस्लदार वर्षा से पातुर तहसील के किसानों का बहोत हद तक नुकसान हुवा था।परंतु बची कुची फसलों से किसानों ने आस लगा रख्खी थी ।जो लगातार जारी मुस्लदार वर्षा ने किसानों की बची कुची फसलें भी बर्बर करदी। जीस कारण किसान आर्थिक संकट में घिर चुका है।पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों को शाशन ने किसान कर्ज माफ कर थोड़ी बहोत राहत दी थी। परंतु किसानों के चेहरे पर ज्यादा देर ख़ुशी नही रहती कुछ इसी प्रकार का मामला निसर्ग किसानों के साथ कररहा है।
कोरोना महामारी में किसानों की फसलों को मिलने वाले दामों से किसानों खेत में लगने वाली लागत भी नही निकल पाए।इसी वर्ष प्याज़ उत्पादक किसानों का प्याज़ बेमौसम हुवी वर्षा ने खराब करदिया था जिस का किसानों को कोई मुआवजा नही मिला ।नाही किसी ने आकर किसानों की खराब हुवी प्याज़ की फसलों का जायजा लिया।बचे किसानों ने अपनी प्याज़ इस ख्याल से के कुछ समय बाद प्याज़ को अच्छा दाम मिलेगा इस कारण जमा कर रख्खा था परंतु जमा की हुवी प्याज़ जगह पर सड़ने लगी। लेकिन किसानों की प्याज़ को उचित दाम नही मिला इसी कारण किसानों को अपनी प्याज़ औने पौने दामों में बेचने को मजबूर होना पड़ा

खरीप की फसलों से थी किसान को उम्मीद

खरीप फसलों में सोयाबीन, तुववर,उड़द ,मूंग ,हल्दी,गन्ना जैसी फसले किसान उगते है परंतु इस वर्ष हुवी मुस्लदार वर्षा के कारण किसानों ने खरीप की फसलों से लागई उम्मीद भी छोड़ दी क्यों के पिछले कई दिनों से जारी मुस्लदार वर्षा और बादल के फटने से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थी। बची कूची फसलें लगातर हो रही वर्षा से खराब हो रही है अधिकतर किसानों के सोयाबीन की फल्लियों में कॉम(जड़े)निकलना शुरू हो गई जिस वजह से किसानों की सोयाबीन की फसलें भी खराब होना शुरू हो गई ।जिस कारण पातुर तहसील के किसानों ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम निवेदन तहसील कार्यालय में निवासी तहसीलदार विजय खेडकर को दिया। जिस में कहा गया कि 13 सेप्टेंबर को तहसील में हुवी वर्षा और बदल फटने के कारण किसानों की फसलें बर्बाद होई है।और सैकड़ो हेक्टर फसलें पानी में बह गई।राज्य शासन ने किसानों का दो लाख तक कर्ज माफ कर किसानों को बहोत हद तक दिलासा दिया परंतु 2019 में लगतार हुवी वर्षा से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थी रब्बी फसलों को लॉक डाउन के कारण उचित दाम नही मिला और 2020 में भी बदल फटना और लगतार वर्षा के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई। जीस कारण किसानों को नुकसान भरपायी के स्वरूप 25000 प्रति एककर के हसाब से मुआवजा देने की बात निवेदन में कही गयी है।निवेदन में किसान विजय वसंतराव बोचरे,श्रीधर लाड,पंडीत सुखदेव वानखडे,मो,युनुस मुराद पटेल ,अजाबराव घायवट,नामदेव मोहाडे,दिनेश पंजई, जयराम लठाड,समाधान बोरकर,अविनाश घायवट,सुनील इंगळे,दिलीप कुरई,योगेश घायवट,सहित किसान भारी संख्या में उपस्थित थे