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राठौड़ी गाँव में राशन दुकान निलंबन के कारण नागरिकों को नज़दीक मिले दुकान की सुविधा

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खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल को ट्वीट कर दी जानकारी- सुरेश वाघमारे

मुंबई – संवाददाता

मुंबई – सरकार द्वारा कार्डधारी को राशन देने का फरमान जारी किया है, लेकिन फिर भी सरकारी फरमानों का जन वितरण प्रणाली में अनियमितता एवं समय पर लाभुकों को राशन देने में आनाकानी करनेवाले दुकानदारों के दुकानों को निलंबित किया जाता है। हाल ही में मुंबई राशनिंग क्षेत्र ‘ग’ परिमंडल, कांदिवली (प.) के अंतर्गत मालाड (प.) के राठौडी गाव के राशन दुकान क्र. 42 ग 194 दुकान को निलंबित कर दिया गया है। सरकार द्वारा दिए जानेवाले मुफ्त चावल शिकायतकर्ता सुरेश वाघमारे को देने से इनकार करनेवाला उक्त दुकान का दुकानदार दोषी पाया गया। जिस वजह से दिनांक 29 अप्रैल, 2020 को दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था।
आजमी नगर स्थित दुकान क्र.42 ग 297 के राशन वितरण सुविधा को तुरंत राठौड़ी गांव में स्थानांतरित कर दिया जाए। ऐसी मांग पत्रकार सुरेश वाघमारे ने ट्विटर के माध्यम से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल से की है। सुरेश वाघमारे ने बताया कि लोगों के मुताबिक निलंबित दुकान के खिलाफ की गई कार्रवाई उचित है। इस बारे में अधिकारियों ने जानबूझकर दुकान को बहुत दूर देकर नागरिकों में भ्रम पैदा किया है। चूंकि दुकान को बहाल करने के लिए कुछ राजनीतिक समर्थन है, इसलिए लोगों को भड़काने के लिए मेरे खिलाफ साजिशें रची जा रही है।
इस गंभीर घटना को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भुजबल को गंभीरता से लेना चाहिए और 8 दिनों के भीतर राठौड़ी गांव में राशन की दुकान को स्थानांतरित करना चाहिए। अन्यथा अन्य त्याग आंदोलन को घर में जनहित में चलाया जाएगा, सुरेश वाघमारे ने प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा। कोरोना के कारण वर्तमान में पुलिस प्रशासन में बहुत तनाव है। ऐसे में मुझे मालवणी पुलिस स्टेशन के कर्तव्यनिष्ठ वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक जगदेव कालापाड़ ने सुझाव दिया है कि अन्न त्याग आंदोलन वापस लेना चाहिए। मैंने अपना आंदोलन फिलहाल आगे बढ़ाया है। एक तरफ राज्य के सचिव जैसे उच्च पदस्थ अधिकारियों से फिरौती जैसी वारदात में फंसा देने की धमकियों से और दूसरी तरफ दुकान को जानबूझकर हटाने पर जनता के मन में इस बात की नाराजगी पैदा करने के चलते मैं और मेरा परिवार ऐसी घटनाओं के कारण दहशत में जी रहे है। मुझे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का मानसिक तनाव झेलना पड़ रहा है, ऐसी बात पत्रकार सुरेश वाघमारे ने बताई।