जिला सूचना अधिकारी का दुव्र्यवहार…!
विनोद पत्रे
यवतमाल – सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय की ओर से समाचार पत्र के संपादकों को संपादक के रूप में अनुमोदन पत्र देते हुए जिला सूचना अधिकारी एवं उपनिदेशक को आवेदन पत्र एवं समस्त दस्तावेज पूर्ण कराने की अनुशंसा करते हुए महानिदेशालय को बिना जांच के और उन सदस्यों की सिफारिश करना जो कुछ राज्य समितियों के सदस्य हैं, अनुमोदन पत्र और सभी नियमों से कुछ सूचना अधिकारी और निदेशक वर्तमान में ढाबे पर बैठे हैं। यदि दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्र के आरएनआई पंजीकरण प्रमाणपत्र संपादक का नाम नहीं है, तो अधिस्वीकृती पत्रिका कैसे और क्यों जारी की गई, इसकी जांच की जाए, तो यवतमाल सहित राज्य में अधिस्वीकृती पत्रिका घोटाले का खुलासा होगा और कई जिला जानकारी अधिकारी और उपनिदेशक तो निकलेंगे ही। प्रदेश में जो वास्तविक पत्रकार, साप्ताहिक एवं दैनिक समाचार पत्रों के संपादक हैं, उनसे अप्रूवल प्लेट लेने के लिए अधिकारी नियमों को ताक पर रख देते हैं, जबकि जिला सूचना अधिकारी द्वारा पक्षपातपूर्ण पेज चलाए जाते हैं और कुछ पत्रकारों को नुकसान पहुंचाकर उन्हें अपने कार्यालय में ले जाया जाता है।
हमें सबूत की जरूरत नहीं है, हम किसी भी अधिकारी का दरवाजा खटखटाए बिना नहीं रहेंगे, चाहे वह हमारे गांव का हो या कोई भी अधिकारी हो, और हम बिना सबूत के बात नहीं करते हैं….!