Home विदर्भ और सामाजिक कार्यकर्ते ललित जैन की तमन्ना अधुरी रह गई ????

और सामाजिक कार्यकर्ते ललित जैन की तमन्ना अधुरी रह गई ????

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आखीर ऊस बेसहारा महिला का हुवा निधन…

ऊस बेसहारा महिला की मौत का कोन है जिममेदार ? ? ?

विनोद पत्रे

यवतमाल – ये औरत कोन है। इसका नाम क्या है। वो रहती कहाँ थी। उसका धर्म कौन सा था। मुझे कुछ भी नही मालूम मैंने सिर्फ मानवता धर्म के नाते उसे गांधी चौक पे भीख मांगते हुए देखा था। तो मैंने उसे खाना ले जाके दिया, ये बात तारिक 13 अप्रैल की है। उसके पैर मैं काफी चोट लगी हुई थी। तो मैंने उसे ऑटो रिक्शा में डाल कर सरकारी हॉस्पिटल यवतमाल में एडमिट कराया था। 15 से 24 अप्रैल तक वो हॉस्पिटल में ही थी। उसका पैर भी ठीक होने लग गया था। वो पागल होने के कारण उसने हॉस्पिटल के वार्ड में खाना फेंकना किसी को भी गाली देना चालु कर दिया था। तो हॉस्पिटल से फ़ोन आने चालू हो गए। की इसे ले जाओ वापिस हम और नहीं रख सख्ते इसे यहाँ पे। बाकी लोगों को तकलीफ हो रहीं है। और मैं उसे नागपुर के पागल खाने में एडमिट करने के लिए। सभी अधिकारियों को व्हाट्सएप पे लेटर कर के विनंती कर रहा था। मुझे इसे नागपुर ले जाने की परमिशन दे। क्यों कि कोविद 19 के कारण पूरा देश लॉक डाउन है। लेकिन मुझे कोई भी अधिकारियों ने सपोर्ट नहीं किया। मुझे यदि उस समय कोई सपोर्ट मिल जाता था। तो आज ये औरत नागपुर मेन्टल हॉस्पिटल में जिंदा रहती थी। मुझे ना इलाज उसे वापिस गांधी चौक पर लाके छोड़ देना पड़ा, जब कल मैं वहाँ वे उसे मिलने के लिए गया तो वो सोई हुई थी। तो मैंने उसे आवाज़ नहीं दी। लेकिन थोड़ी देर बाद में प्रतिसाद फाउंडेशन के खाना देने के लिए आये व्यक्ति ने उसे आवाज़ दी। तो वो उठी ही नहीं। तो मुझे उनका फ़ोन आया। कि भाऊ ये उठ नही रही है। तो मैंने तुरंत सिटी पुलिस स्टेशन में कॉल कर इस बात की जानकारी दी उसके बाद वहाँ आये अधिकारी यो ने उसे देखा, जब तक एंबुलेंस भी आगयी थी। तो हमे कहा गया कि बॉडी उठा के एम्बुलेंस में रख दो और फिर हम सभ सरकारी अस्पताल आये। उसके बाद डॉ लोगो ने उसे देखा तो कहा कि वो मर गयी है। सभी चीज़ होने के बाद बॉडी मरचुरी में रख दी गयी है, धुप के कारण कल दुनिया छोड़ के चले गयी। भगवान मुझे माफ़ करना मेरे से जितना हो सखा मैन किया। आखिर भगवान आप के आगे किसी की भी नहीं चलती। यदि इस औरत की कोई भी पहचान नही होती है। तो मैं आप सभी से अनुमति मांग कर उसका अंतिम संस्कार करना चाहता हूँ। एक समाज सेवक ललित जैन राम मंदिर रोड यवतमाल