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“संविधान के सम्मान में हम निकले मैदान में “जैसे नारों से गुंजा शहर

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बार्शिटाकली में नागरीकता कानुन के खिलाफ महिलाओं की महारैली…

जफर खान – बार्शिटाकली

अकोला , दि. ०१ :- देश भर में नागरीकता कानुन के खिलाफ महिलायें रास्ते पर आकर कानुन का विरोध कर रही है. जिस के चलते अब देश भर में शाहीन बाग जैसा मंज़र दिखाई दे रहा है. वहीं सरकार है कि नागरीकता कानुन के खिलाफ धरना प्रदर्शन और रैलियां निकालने वाले देश वासीयों के साथ संवाद करने को भी तयार नही है. ऐसे में देश वासीयों ने लोकतांत्रिक तरीका अपना कर सरकार तक अपनी बात रखने का तरीका अपनाया है.आज शहर की मुस्लिम , बौध तथा अन्य समाज की महिलाओं ने यहां के इनामदार कॉलनी में स्थित दयावान फंक्शन हॉल में जमा हुई. दोपहर ढाई बजे यहां से रैली की शकल में मातंग पुरा, खड़क पुरा, नगर पंचायत चौक,मिनारा मस्जिद से साप्ताहिक बाज़ार में रैली का समापन किया. इस दरमियान महिलाओं ने सीएए वापस लो वापस लो और संविधान के सम्मान में हम निकले मैदान में जैसे नारे लगाये. पुलिस स्टेशन से तहसील रोड तथा बायपास रोड पर यातायात प्रभावित ना हो इस लिये तहसीलदार गजानन हामंद ने साप्ताहिक बाज़ार में आकर ही महिलाओं द्वारा निवेदन स्विकारा. जिस से आयोजकों द्वारा शांती एंव सुव्यवसथा बनाये रखने के लिये साप्ताहिक बाज़ार में ही रैली का समापन करने के लिये थानेदार और तहसीलदार ने उन्हे मुबारक बाद पेश की.साप्ताहिक बाज़ार में हज़ारों की संख्या में मैजुद महिलाओं का मार्गदर्शन करते समय बीते दिनो तीन तलाक पर हम महिलाओं की हमदर्दी बताने वाले प्रधान मंत्री अब कहां है ? यह सवाल उठाया गया. वहीं इस कानुन से संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के खिलाफ है. सिर्फ आसाम ही नही शांत पुर्वोत्तर को अशांत करने का काम इस कानुन ने किया है. साथ ही इस के विरोध में लोग सड़कों पर है. जिसे देखते हुये इस कानुन को रद्द करने की मांग तहसीलदार गजानन हामंद के माध्यम से राष्ट्रपती रामनाथ कोविंद से की गई है.निवेदन देते समय रुबीना कौसर, सादीया समीन, रेशमा सलीम, अॅड. शगुफता जहां, सफिया खातुन, सालेहा हुसेन, रज़िया बानो, शमा जावेद, असमां इरफान, सुलताना परवीन, नुसरत जहां , प्रतिभा अवचार,सुनिता धुरंधर के साथ हज़ारों की संख्या में महिलायें मौजुद थीं. वहीं आयोजकों में मौलवी अ .सलाम,नासीरोद्दीन, सै. रऊफ, अहमद खान, सै. सखावत, नईमोद्दीन शेख, इमाम अ.समद, अ.कदीर जमदार, इमरान खान, आरीफ खान, मो.रफीक, मो. सलीम, सै.नकीम, मो. शकील कुरैशी, मोहम्मद जी, हाफिज़ खालीद, मो.इरफान, युसुफ खान, नसरुल्ला खान, डॉ. मुदस्सी, तमीज़ खान, सै. रियासत, सै.इमदाद, नासीर पठान, डॉ. नासीरअतीक इनामदार, जुबैर अहमद खान, जमील खान, काज़ी रिज़वानोद्दीन आदी के साथ अन्य नागरीक मौजुद थे.